The Fact About naat lyrics ala hazrat That No One Is Suggesting
The Fact About naat lyrics ala hazrat That No One Is Suggesting
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naat lyrics hindi
मीराँ ! वलियों के इमाम ! दे दो पंज-तन के नाम हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से डालो नज़र-ए-करम, सरकार ! अपने मँगतों पर इक बार हम ने आस है लगाई बड़ी देर से मेरे चाँद ! मैं सदक़े, आजा इधर भी चमक उठे दिल की गली, ग़ौस-ए-आ'ज़म ! मीराँ ! वलियों के इमाम ! दे दो पंज-तन के नाम हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से तेरे रब ने मालिक किया तेरे जद को तेरे घर से दुनिया पली, ग़ौस-ए-आ'ज़म ! मीराँ ! वलियों के इमाम ! दे दो पंज-तन के नाम हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से तेरा रुत्बा आ'ला न क्यूँ हो, कि मौला !
मिटा दो जालियों पर निगाहें जमी हैं ग़ौस-उल-आ'ज़म हो, ग़ौस-उल-वरा हो नूर हो नूर-ए-सल्ले-'अला हो क्या बयाँ आप का मर्तबा हो ! दस्त-गीर और मुश्किल-कुशा हो आज दीदार अपना करा दो जालियों पर निगाहें जमी हैं फ़ासलों को ख़ुदा-रा ! मिटा दो जालियों पर निगाहें जमी हैं सुन रहे हैं वो फ़रियाद मेरी ख़ाक होगी
آقا کے غلاموں کو آقا کے غلاموں کو اب عید منانے دو سرکار کی آمد ہے راہوں کو سجانے…
या हुसैन इब्न-ए-'अली ! या हुसैन इब्न-ए-'अली !
ان نعتیں اردو زبان کے لئے ایک خوش اسلوب و ہموار ادائیگی کے ساتھ لکھی گئی ہیں۔
कुछ प्रसिद्ध नातख्वान (रेसाइटर्स) कौन हैं?
का'बे की रौनक़, का'बे का मंज़र, अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर
या हुसैन इब्न-ए-'अली ! या हुसैन इब्न-ए-'अली !
अल-मदद, पीरान-ए-पीर ! ग़ौस-उल-आ'ज़म दस्त-गीर !
मेरा दिल परेशान है और मेरी ज़िंदगी वस्वसों के तहत है
Shayar keh raha hai ki uski tamanna hai ke woh Madine jaaye aur Taiba ke kutte (yaani pyare janwar) ke paas baithe. Isse maloom hota hai ki uski tamanna hai ke woh Nabi (صلى الله عليه وسلم) ke paas, unke mahabbat mein, sukoonat aur rehnumai hasil kare.
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सब रसूल-ए-ख़ुदा बन के आए, वो हबीब-ए-ख़ुदा बन के आया